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एकवर्षीय वास्‍तुज्‍योतिष डिप्‍लोमा पाठ्यक्रम

गृहस्‍थस्‍य क्रियास्‍सर्वा न सिद्ध्यन्‍त‍ि गृहं विना।।
हमारा घर केवल निवास स्‍थान ही नहीं अपितु हमारे जीवन यात्रा का महत्‍त्‍वपूर्ण अंग है। हम घर के बिना अपने चतुर्विध पुरुषार्थों को सिद्ध नहीं कर सकते हैं।  उस घर में हर प्रकार का मंगल हो, रहने वाले सभी सदस्‍य स्‍वस्‍थ होकर अपने लक्ष्‍य को प्राप्‍त कर सकें इस उद्देश्‍य की पूर्ति में वास्‍तुशास्‍त्र परम सहायक होता है। हम जहाँ निवास करते हैं या अपना कार्य करते हैं वह स्‍थान वहाँ की ऊर्जा व प्राकृति‍क वातावरण से पूर्णतया प्रभावित होता है। जब तक हम अपनी प्रकृति का उस स्‍थान के साथ समाजयोजन नहीं करते हैं तब तक उस स्‍थान की ऊर्जा हमारे कार्य में हमारी सहायता नहीं कर पाती है। स्‍वयं की प्रकृति व गुण धर्म के अध्‍ययन में ज्‍योतिषशास्‍त्र परम उपयोगी होती है और उसका स्‍थान के साथ सकारात्‍मक समायोजन में वास्‍तु शास्‍त्र सहायक होता है।
इसी आवश्‍यकता को ध्‍यान में रखते हुये केन्‍द्रीय संस्‍कृत विश्‍व‍विद्यालय के द्वारा सभी लोगों को ज्‍योतिष व वास्‍तु शास्‍त्र का प्रामाणिक ज्ञान सरलता से उपलब्‍ध हो सके इस उद्देश्‍य को सार्थक करने के लिये एकवर्षीय वास्‍तुज्‍योतिष डिप्‍लोमा पाठ्यक्रम का प्रांरभ किया ।

प्रारम्भ

 

यह पाठ्यक्रम वर्ष 2016 से प्रारंभ किया गया है। इस पाठ्यक्रम के द्वारा सभी वर्ग के लोग लाभन्वित हो रहे हैं। सभी जिज्ञासु जन अपने कार्यों को करते हुये वास्‍तु और ज्‍योतिष का ज्ञान प्राप्‍त कर सकें एतदर्थ यह पाठ्क्रम सायं कालिक रखा गया है। सेवानि‍वृत्‍त जनों, गृहणियों की अनुकलता के अनुसार एक सत्र मध्‍याह्न में भी रखा जाता है। 

 

उद्देश्‍य

 

    • संस्‍कृत भाषा का ज्ञान व भाषण क्षमता का विकास
    • आधुनिक परि‍प्रेक्ष्‍य में वास्‍तु की आवश्‍यकता व उपयोगिता का ज्ञान
    • वर्तमान परिस्थितियों में ज्‍योतिष शास्‍त्र के महत्‍त्व व प्रयोजन का ज्ञान 
    • ज्‍योतिषशास्‍त्र का प्रायोगिक ज्ञान
    • मुहूर्तज्‍योतिष का प्रायोगिक ज्ञान
    • पारम्‍परिक वास्‍तु का ज्ञान
    • आधुनिक वास्‍तुशास्‍त्र का ज्ञान

     

    ग्रंथ

    महत्‍त्वपूर्ण बिन्‍दु

    अंक
    (प्रायोगिक + परीक्षात्‍मक)   

    1

    प्रथमा –द्व‍ितीया दीक्षा

    संस्‍कृत संभाषण

    20+80 =100

    2

    जन्‍मपत्र दीपक
    पंचांग परिचय  

    कुंडली गणित
    फलादेश के सूत्र व विधि
    कुण्‍डलियों के उदाहरणों से कुण्‍डली परीक्षण का अभ्‍यास
    सामान्‍य कुण्‍डली मिलान
    पंचांग देखने की विधि
    पंचांग से मुहूर्त ज्ञान
    पंचांग से कुण्‍डली निर्माण

    20+80 =100

    3

    वास्‍तुरत्‍नावली

    प्राचीन भारतीय वास्‍तु शास्‍त्र ज्ञान
    स्‍थान चयन
    भूमि परीक्षण
    क्षेत्रफल ज्ञान
    दिशा ज्ञान
    क्षेत्रफल साधन
    भवन में दिशा व कक्षा आदि का निर्णय
    गृहारंभ व गृहप्रवेश मुहूर्त व विधि
    वास्‍तुपूजन व शान्ति का प्रयोगिक ज्ञान 

    20+80 =100

    4

    मुहूर्तचिन्‍तामणि

    शुभाशुभ काल परिचय
    नक्षत्र की प्रकृति का अध्‍ययन
    कार्यानुसार तिथि-वार-नक्षत्र-योगादि कर ज्ञान
    सभी प्रकार के मुहूर्तों का ज्ञान  

    20+80 =100

    5

    साम्‍प्रतिक वास्‍तु

    आधुनिक विद्वानों के अनुसार वास्‍तु का अध्‍ययन
    निर्माण विन्‍यास
    मंदिर का प्रायोगिक वास्‍तु
    औद्योगिक वास्‍तु का प्रयोगिक अध्‍ययन
    विद्यालयीय/महाविद्यालयीय वास्‍तु का अध्‍ययन
    व्‍यावसायिक वास्‍तु

    20+80 =100

    पाठ्यक्रम संम्‍बन्धित अन्‍य जानकारी -

    1. यह पाठ्यक्रम 1 वर्षीय है।
    2. पाठ्यक्रम में भाग लेने के लिये 12 वीं कक्षा/ समकक्ष परीक्षा उत्‍तीर्ण होना आवश्‍यक है।
    3. 12 वीं कक्षा में संस्‍कृत विषय न होने पर प्रवेश परीक्षा उत्‍तीर्ण करना आवश्‍यक होगा ।
    4. पाठ्यक्रम शुल्‍क 5000/- व परीक्षादि शुल्‍क अलग से रहेगा।

    आचार्य -
    डॉ. भूपेन्‍द्र कुमार पाण्‍डेय – 9754648985
    डॉ. रविन्‍द्र प्रसाद उनियाल–9555588276
    संपर्कसूत्र -
    vastujyotishdiploma@gmail.com